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Articles by आदम अर होल्ज़

दासत्व से मुक्ति

“आप मूसा के समान हैं, हमें दासत्व से छुड़ानेवाले!” जमीला चिल्लाई l पाकिस्तान में एक बंधुआ ईंट-भट्ठा मजदूर के रूप में, उसे और उसके परिवार को भट्ठा मालिक की अत्यधिक बकाया राशि के कारण कष्ट उठाना पड़ा l उन्होंने अपनी कमाई का अधिकतम हिस्सा केवल ब्याज चुकाने में किया l लेकिन एक गैर-लाभकारी एंजेंसी से उपहार द्वारा कर्ज मुक्ति के बाद, उन्हें जबस्दस्त राहत महसूस हुयी l एजेंसी के प्रतिनिधि को उनकी आजादी के लिए धन्यवाद देते हुए, यीशु में विश्वासी, जमीला ने परमेश्वर द्वारा मूसा और इस्राएलियों को गुलामी से छुड़ाने के उदाहरण की ओर इशारा किया l

कठोर परिस्थितियों में काम करते हुए, सैकड़ों वर्षों से इस्राएलियों को मिस्रियों द्वारा सताया गया था l उन्होंने मदद के लिए परमेश्वर को पुकारा (निर्गमन 2:23) l लेकिन उनके काम का बोझ बढ़ गया, क्योंकि फिरौन ने उन्हें ईंटें बनाने के साथ-साथ पुआल भी इकठ्ठा करने का आदेश दिया (5:6-8) l जब इस्राएलियों ने उत्पीड़न के विरुद्ध रोना जारी रखा, तो परमेश्वर ने उनके परमेश्वर होने की अपनी प्रतिज्ञा दोहरायी (6:7) l वे अब और दास नहीं रहेंगे, क्योंकि वह उन्हें “अपनी भुजा बढ़ाकर” छुड़ा लेगा (पद.6) l

परमेश्वर के निर्देशन में, मूसा इस्राएलियों को मिस्र से बाहर ले गया (अध्याय 14 देखें) l आज भी परमेश्वर हमें क्रूस पर अपने पुत्र, यीशु की फैली हुयी भुजाओं द्वारा छुड़ाता है l हम उस पाप के बहुत बड़े दासत्व से मुक्त हैं जिसने कभी हमें नियंत्रित किया था l हम अब गुलाम नहीं, स्वतंत्र हैं!

बच्चे के समान विश्वास

जब हमारी दत्तक नानी कई आघात(stroke) झेलने के बाद अस्पताल के अपने बिस्तर पर लेती थी, उनके डॉक्टर इस को लेकर अनिश्चित थे कि उन्हें कितनी मस्तिष्क क्षति हुयी है l उन्हें उनके मस्तिष्क के कार्य का परिक्षण करने के लिए उनके थोड़ा बेहतर होने तक प्रतीक्षा करना था l वह बहुत कम शब्द बोलती थी और उससे भी कम शब्द समझ में आते थे l लेकिन जब छियासी वर्ष की वह स्त्री जिसने 12 वर्ष मेरी बेटी की देखभाल की थी ने मुझे देखा, तो उसने अपना सूखा मुँह खोलकर पूछा : कैला कैसी है?” उसने मुझसे जो पहले शब्द कहे, वे मेरे बच्चे के बारे में थे, जिसे उसने इतनी अधिकता और पूरी तरह से प्यार किया था l

यीशु भी बच्चों से प्यार करता था और उन्हें आगे रखता था भले ही उसके शिष्यों ने उन्हें अस्वीकार किया l कुछ माता-पिता मसीह को ढूँढकर अपने बच्चों को उसके पास लाते थे l उसने बच्चों को आशीष देते हुए “उन पर हाथ रखे” (लूका 18:15) l लेकिन सब इस बात से प्रसन्न नहीं थे कि वह छोटों को आशीष दे रहा था l चेलों ने माता-पिता को डांटा और उनसे यीशु को परेशान करना बंद करने को कहा l लेकिन उसने हसक्षेप किया और कहा, “बच्चों को मेरे पास आने दो” (पद.16) l उसने उन्हें एक उदाहरण बताया कि हमें कैसे परमेश्वर के राज्य को स्वीकार करना चाहिए—सरल भरोसा, विश्वास और सच्चाई के साथ l

छोटे बच्चों के पास संभवतः ही कोई छिपी हुयी कार्य-सूची होती है l आप जो देख रहे हैं वही आपको मिलेगा l जैसा कि हमारा स्वर्गीय पिया हमें बच्चों के समान विश्वास प्राप्त करने में सहायता करता है, काश हमारा विश्वास और उस पर भरोसा एक बच्चे की तरह खुली हो l

मित्रता दिवस मुबारक हो!

भगवान के साथ गहरी दोस्ती कैसे बढ़ाएं!

हमें अपने दिल की हर बात यीशु को बताने, हमारे बोझ में किसी को शामिल करने या जब हम अकेले होते हैं तो हमें सांत्वना देने का विचार अच्छा लगता है। लेकिन हम कितनी बार सोचते हैं कि हम यीशु के मित्र कैसे बन रहे हैं? और हम उससे केवल प्राप्त करने के…

धीमी-चाल वाला पाप दरवाजे के बाहर

विंस्टन जानता है की उसे चबाना नहीं है। इसलिए उसने एक धूर्त रणनीति अपनाया। हम इसे धीमी-चाल कहते हैं। यदि विंस्टन एक फेंके हुए, बिना सुरक्षा वाला जूता देखता है, वह लापरवाही से उस दिशा में घूमेगा, उसे पकड़ लेगा, और बस चलता रहेगा। धीरे से। कुछ दिखेगा नहीं। अगर किसी ने नहीं देखा तो सीधे दरवाजे से बाहर। "माँ, विंस्टन ने धीरे-धीरे आपका जूता दरवाजे से बाहर ले गया। 

यह स्पष्ट है कि कभी-कभी हम सोचते हैं कि हम अपने पापों को परमेश्वर के आगे "धीमी-चाल" चल सकते हैं। हमें यह सोचने की परीक्षा होती है कि वह ध्यान नहीं देगा। यह कोई बड़ी बात नहीं है, हम सोचते हैं — जो भी "यह" है। लेकिन, विंस्टन की तरह, हम बेहतर जानते हैं। हम जानते हैं कि वह काम परमेश्वर को प्रसन्न नहीं करता हैं। 

वाटिका में आदम और हव्वा के तरह, हम अपने पाप के लज्जा के कारण छुपने का कोशिश कर सकते हैं (उत्पति 3:10) या ऐसा व्यवहार कर सकते हैं की हुआ ही नहीं है। लेकिन पवित्रशास्त्र हमें कुछ अलग करने को आमंत्रित करता है: परमेश्वर की कृपा और क्षमा के तरफ दौड़ने के लिए। नीतिवचन 28:13 हमें कहता है, “जो अपने अपराध छिपा रखता है, उसका कार्य सफल नहीं होता, परन्तु जो उनको मान लेता और छोड़ भी देता है, उस पर दया की जाएगी।” 

जरूरी नहीं है अपने पाप को धीमी-चाल चलना और आशा रखना की कोई देखा तो नहीं । जब हम खुद को, परमेश्वर को, एक भरोसेमंद मित्र को--अपने विकल्पों के बारे में सत्य बोलते हैं—गुप्त पापों को ढ़ोने के दोष और शर्म से आज़ादी पा सकते हैं (1 यूहन्ना 1:9)।

परमेश्वर निकट है

मारे इस तीव्रता और सदैव परिवर्तनशील संसार में, अगुवाई (मार्गदर्शन) और उद्देश्य को खोजना कभी कभी कठिन हो जाता है। इस गड़बड़ी के बीच हमें यीशु पर विश्वास में ही आशा दिखाई देती है। क्योंकि विश्वासी होने के कारण, हमें हमारे जीवन के प्रत्येक पहलू में पवित्र आत्मा की अगुवाई में चलना है। बाइबल हमें सिखाती है कि पवित्र आत्मा को…

एक परेशान दुनियां में शांति प्राप्ति

स परेशान दुनिया में शांति कहां से प्राप्त करें? कुछ का मानना की हिंसा का जवाब उग्रता से देकर शांति को स्थापित किया जा सकता है। अन्य लोगों का "मानना" है कि “जियो और जीने दो।” और अन्यों का माना है की “ प्रेम ही इसका उत्तर है।” फिर भी ऐसा लगता है जिनके पास अधिकार हैं वह इसका प्रयोग…

अनपेक्षित स्थानों में सुसमाचार

हाल ही में, मैंने अपने आप को किसी ऐसे स्थान पर पाया जिसे मैंने फिल्मों और टीवी पर देखा था जितना मैं गिन सकता था उससे अधिक बार: हॉलीवुडए कैलिफोर्निया।  लॉस एंजिल्स की तलहटी में, अपने होटल की खिड़की से उन विशाल सफेद अक्षरों को उस प्रसिद्ध पहाड़ी पर देख रहा था । फिर मैंने कुछ और देखा: नीचे बाईं ओर एक प्रमुख क्रॉस था। मैंने वह कभी किसी फिल्म में नहीं देखा। जैसे ही मैं अपने होटल के कमरे से निकला, एक स्थानीय चर्च के कुछ छात्रों ने मेरे साथ यीशु को साझा करना शुरू कर दिया।

हम कभी–कभी हॉलीवुड को केवल सांसारिकता का मुख्य केन्द्र मान सकते हैं, जो परमेश्वर के राज्य के बिल्कुल विपरीत है। फिर भी स्पष्ट रूप से मसीह वहाँ कार्य कर रहे थे, उन्होंने अपनी उपस्थिति से मुझे चकित कर दिया। फरीसी लगातार आश्चर्य करते थे कि यीशु कहाँ कहाँ जाता था। वह उन लोगों के साथ नहीं घूमता जिनकी वे उम्मीद करते थे। इसके बजाय, मरकुस 2:13–17 हमें बताता है कि उसने चुंगी लेने वालों और पापियों (पद 15) के साथ समय बिताया, ऐसे लोग जिनके जीवन व्यावहारिक रूप से अशुद्ध थे फिर भी यीशु वहाँ था, उनके साथ जिन्हें उसकी सबसे अधिक आवश्यकता थी (पद 16–17)।

दो हजार से अधिक वर्षों के बाद, यीशु आशा और उद्धार के अपने संदेश को अनपेक्षित स्थानों पर, सबसे अनपेक्षित लोगों के बीच रोपना जारी रखता है। और उसने हमें उस मिशन का हिस्सा बनने के लिए बुलाया और तैयार किया है।

सभी यीशु के लिए

जब जेफ़ चौदह वर्ष के थे, तब उनकी माँ उन्हें एक प्रसिद्ध गायक के पास ले गईं। अपने युग के कई संगीतकारों की तरह, बी जे थॉमस, एक अमेरिकी पॉप और देशी गायक, संगीत पर्यटन के दौरान आत्म-विनाशकारी जीवन शैली में फंस गए थे। लेकिन वह और उसकी पत्नी, यीशु से मिलने के पहले कि यह बाते थी। जब वे मसीह में विश्वास करने लगे तो उनका जीवन मौलिक रूप से बदल गया।

संगीत कार्यक्रम की रात, गायक ने उत्साही भीड़ का मनोरंजन करना शुरू कर दिया। लेकिन अपने कुछ प्रसिद्ध गीतों का प्रदर्शन करने के बाद, एक व्यक्ति श्रोताओं में से चिल्लाया, "हे, यीशु के लिए एक गाना गाओ!" बिना किसी हिचकिचाहट के, बीजे ने जवाब दिया, "मैंने अभी यीशु के लिए चार गाने गाए हैं।"

तब से कुछ दशक हो गए हैं, लेकिन जेफ को अभी भी वह पल याद है जब उन्हें एहसास हुआ कि हम जो कुछ भी करते हैं वह यीशु के लिए होना चाहिए - यहां तक ​​कि ऐसी चीजें जिन्हें कुछ लोग "गैर-धार्मिक" मान सकते हैं।

हम कभी-कभी जीवन में जो कुछ करते हैं उसे विभाजित करने के लिए लुभाते हैं। बाइबल पढ़ें। विश्वास में आने की हमारी कहानी साझा करें। एक भजन गाओ। पवित्र सामान। लॉन की घास काटो। एक दौड़ के लिए जाना। एक देश गीत गाओ। धर्मनिरपेक्ष सामान।

कुलुस्सियों 3:16 हमें याद दिलाता है कि मसीह का संदेश हमें सिखाने, गाने और धन्यवाद देने जैसी गतिविधियों में वास करता है, लेकिन पद 17 और भी आगे जाता है। यह इस बात पर बल देता है कि परमेश्वर की सन्तान के रूप में, "वचन या कर्म से जो कुछ [हम] करते हैं, [हम] वह सब प्रभु यीशु के नाम में करते हैं।"

हम यह सब उसके लिए करते हैं।

मेरी ड्राइविंग कैसी है?

कभी-कभी, पुराने दर्द और थकान के साथ रहने से घर में अलग-थलग और अकेलापन महसूस होता है। मैंने अक्सर महसूस किया है कि परमेश्वर और दूसरों ने मुझे अनदेखा किया है। अपने सेवा-कुत्ते के साथ सुबह-सुबह प्रार्थना-चलने के दौरान, मैं इन भावनाओं से जूझ रहा था। मैंने दूर से एक गर्म हवा का गुब्बारा देखा। इसकी टोकरी के लोग हमारे शांत पड़ोस के सारे दृश्य का आनंद ले सकते थे, लेकिन वे वास्तव में मुझे नहीं देख पा रहे थें । जैसे-जैसे मैं अपने पड़ोसियों के घरों के पास से गुज़र रहा था, मैंने आह भरी। उन बंद दरवाजों के पीछे कितने लोग अनदेखी और महत्वहीन महसूस करते हैं? जैसे ही मैंने अपना चलना समाप्त किया, मैंने परमेश्वर से अपने पड़ोसियों को यह बताने के अवसर देने के लिए कहा कि मैं उन्हें देखता हूँ और उनकी देखभाल करता हूँ, और वह भी करता है।

परमेश्वर ने तारों की ठीक-ठीक संख्या निर्धारित की, जिनसे उसने अस्तित्व में आने की बात कही। उसने प्रत्येक तारे को एक नाम से पहचाना (भजन संहिता 147:4), एक अंतरंग कार्य जो उसके ध्यान को सबसे छोटे विवरण पर प्रदर्शित करता है। उसकी शक्ति - अंतर्दृष्टि, विवेक, और ज्ञान - की भूत, वर्तमान, या भविष्य में "कोई सीमा नहीं" है (पद. 5)।

परमेश्वर प्रत्येक हताश पुकार को सुनता है और प्रत्येक मौन आंसू को उसी तरह स्पष्ट रूप से देखता है जैसे वह संतोष और पेट की हंसी की प्रत्येक श्वास को देखता है। वह देखता है कि कब हम ठोकर खा रहे होते हैं और कब हम विजयी होकर खड़े होते हैं। वह हमारे गहरे भय, हमारे अंतरतम विचारों और हमारे बेतहाशा सपनों को समझता है। वह जानता है कि हम कहाँ थे और हम कहाँ जा रहे हैं। जैसे परमेश्वर हमें अपने पड़ोसियों को देखने, सुनने और प्यार करने में मदद करता है, हम उसे देखने, समझने और हमारी देखभाल करने के लिए उस पर भरोसा कर सकते हैं।